पेशे से डॉक्टर राहुल चावला की हिन्द युग्म प्रकाशन से आई उपन्यास ” हजारों ख़्वाहिशें ” पढ़ते हुए लगता है कि आप किताब को पढ़ने से साथ साथ जी भी रहे हैं कई बार ऐसा लगेगा कि कोई ये कहानी आपको सुना रहा है ।
आप पढ़ते हुए कहानी में डूब जाएंगे । इस कहानी को पढ़ते हुए आपको जो दिल्ली की ऐतहासिक जानकारी मिलती है वो अद्भुत है । दिल्ली के इतिहास को इस ढंग से शायद ही किसी किताब में लिखा गया होगा ।

इसी उपन्यास से
” आज की बात अलग है । पूरी दुनियां ग्लोबल है । हर कोई अपनी जगह से भागना चाहत है । पहले ऐसा नहीं था । मिट्टी लोगों के लिए सब कुछ होती थी “
दिल्ली, मसूरी, बनारस की कहानी के साथ साथ कनॉट प्लेस और मुख़र्जी नगर की कहानी आपको बहुत अच्छी लगेगी।
DU , JNU और समकालीन राजनीति जैसे अन्ना आंदोलन और दिल्ली में 49 दिन की सरकार बनने की कहानी इस उपन्यास के हिस्सों में शामिल है तो हिंदी के पाठक इस उपन्यास को जरूर पढ़ें। इश्क और इंकलाब की शानदार दास्तां पढ़ने को मिलेगी।
- अनुराग वत्सल
