
साहित्य की दुनिया का एक सुखद रुझान यह है कि हिन्दी में लेखकों की नई पीढ़ी में युवा प्रोफ़ेशनल्स की आमद हुई है। ‘नई वाली हिन्दी’ के नाम से मशहूर इस ताज़गी भरे साहित्य में स्वागत है, पेशे से विशेषज्ञ डॉक्टर और युवा लेखक #राहुल_चावला का।
हाल के सालों में कुछ लेखकों ने प्रतियोगी परीक्षाओं (UPSC/ IIT/ Medical/ SSC etc) की तैयारी करने वाले युवाओं की ज़िंदगी की उलझनों और उनके मन की परतों तक पहुँच बनाकर उसे उपन्यास के रूप में बेहतरीन ढंग से प्रस्तुत किया है। ये उपन्यास स्टूडेंट्स की रोज़मर्रा की ज़िंदगी, मस्तियों, तनावों, उलझनों को दिलचस्प ढंग से प्रस्तुत करते हैं। ऐसी किताबों में शुमार हैं, नीलोत्पल मृणाल की ‘#डार्कहॉर्स’, पंकज दुबे की ‘#लूज़रकहींका’, अनुराग पाठक की ‘#12thफ़ेल’ जैसे मशहूर किताबें। इस कड़ी में नया नाम जुड़ा है, डॉ राहुल चावला की किताब ‘#हज़ारों_ख़्वाहिशें’ का। राहुल सफ़दरजंग से पी.जी. करने के बाद AIIMS से Super-Specialisation करने जा रहे हैं।
‘हज़ारों ख़्वाहिशें’ किताब इस देश के लाखों-करोड़ों स्टूडेंट्स की ख़्वाहिशों से साक्षात्कार कराती है। गलाकाट प्रतिस्पर्धा के इस दौर में, गाँव-क़स्बे-शहर के युवा मन में बड़ा सपना लिए, करियर की राह पर निकल पड़ते हैं। पर ये राह इतनी सीधी और सपाट नहीं होती। हर किसी की ज़िंदगी में अलग क़िस्म के संघर्ष और चुनौतियाँ होती हैं। पर इन चुनौतियों के बीच कुछ दिलचस्प कहानियाँ भी आकार ले रही होती हैं। राहुल चावला ने इन्हीं छोटी-बड़ी कहानियों को एक नोवेल की ख़ूबसूरत शक्ल दी है।
तो आइए, स्वागत करें, #नईवालीहिन्दी के इस नए युवा लेखक का….
Rahul Chawla
Hind Yugm Blue
Hind Yugm Prakashan
